संक्रमित विचार आध्यात्मिक ज्ञान।
संक्रमित विचार
अकबर ने एक बार बीरबल से पूछा किहमारे राजय के लोगों की सोच कैसी है ? बीरबल ने कहा सबकी सोच एक सी है । अकबर ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है ? हमने तो सुना कि मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना । हर व्यक्ति की अपनी विचाराधारा होती है और तुम कह रहे हो कि सबकी सोच एक जैसी है मेरी समझ में नहीं आता । बीरबल ने कहा हुजूर आप कहो तो दरबार में सिद्ध कर दूंगा , बोले ठीक । बीरबल ने पूरे नगर में मुनादी पिटवा दी कि कल सुबह चार बजे बादशाह।
दूध के कुण्ड में स्नान करेंगे इसके लिए उद्यान में एक कुण्ड बनाया गया है उस कुण्ड को प्रत्येक नगर निवासी को भरना है । सभी को घर से एक – एक लोटा दूध उसमें डालना है । केवल एक लोटा दूध डालना है और वो भी रात अंधेरे में डालना है सुबह चार बजने से पहले वो कुण्ड लबालब भर जाना चाहिये क्योंकि बादशाह उसमें स्नान करेंगे ।
अकबर को भी लगा कि अच्छा मौका मिल रहा है दूध के कुण्ड में स्नान करने का । पूरे शहर में मुनादी पिटवा दी गयी । एक आदमी अपने घर से दूध का लोटा ले करके चला तभी उसके मन में एक विचार कौंधा कि पता नहीं राजा लोग कैसे सनकी होते हैं दूध के कुण्ड में नहायेंगे ? इतनी मंहगाई के जमाने में नहाना है तो पानी से नहायें और जनता से दूध लेने का क्या मतलब ?
मैं एक लोटा दूध क्यों नुकसान करूँ ? सब तो दूध डालेंगे अपन पानी डाल देंगे तो कुण्ड में एक लोटा पानी से क्या फर्क पड़ेगा । उसके मन में ऐसा विचार आया तत्क्षण उसका विचार बदला , उसने दूध का लोटा एक तरफ रखा और पानी का लोटा लेकर चल पड़ा ।
दूसरा व्यक्ति भी घर से दूध का लोटा लेकर निकलने को हुआ लेकिन उसके मन में भी ऐसे ही विचार आये । ऐसा करते करते अन्य व्यक्ति भी ये सोचकर कि बाकी सब तो दूध डालेंगे मैं एक लोटा पानी डाल दूंगा तो क्या फ र्क कुण्ड में एक – एक लोटा पानी डाल आये ।
सबेरे बड़े उत्कंठित होकर अकबर दूध के कुण्ड में स्नान करने की उम्मीद से पहुंचा , लेकिन वहां देखा तो एक दम भौचक्का रह गया बोला ये क्या पूरा कुण्ड पानी से भरा है ? अकबर ने बीरबल से कहा बीरबल ये कैसा मजाक दूध के कुण्ड में स्नान करने की बात करके तुमने पानी से भरवा दिया ? बीरबल ने कहा हुजूर ये मजाक नहीं आपके सवाल का जवाब है । आपने पूछा था कि मेरे नगर के लोग कैसा सोचते हैं ?
देखिये आपके नगर के सब लोगों की सोच एक जैसी है । एक व्यक्ति घर से दूध लेकर निकला सोचा सब तो दूध डालेंगे मैं पानी डाल दूंगा तो क्या फर्क पड़ेगा उसका ये फर्क हुआ कि दूध से भरने वाला कुण्ड पानी से लबालब हो गया । ये विचारधारा है ।
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