Category BhaktiPosted on

धार्मिक आचरण आध्यात्मिक ज्ञान।

धार्मिक आचरण  पोथी पढ़कर कोई विद्वान नहीं हो सकता है । लोग कहते हैं कि इस अर्थ में विद्या क्या है ? ' सां विद्या या विमुक्तये । ' दरअसल विद्या उसी को कहते हैं , जिसके द्वारा हमें विमुक्ति मिल…
Continue reading "धार्मिक आचरण आध्यात्मिक ज्ञान।"
Category BhaktiPosted on

भजन में दिखावा। आध्यात्मिक ज्ञान

भजन में दिखावा । भगवान्का नाम प्रेमपूर्वक लेता रहे , नेत्रोंसे जल झरता रहे , हृदयमें स्नेह उमड़ता रहे , रोमांच होता रहे तो देखो , उनमें कितनी विलक्षणता आ जाती है , पर वही दूसरोंको दिखानेके लिय…
Continue reading "भजन में दिखावा। आध्यात्मिक ज्ञान"
Category BhaktiPosted on

पापका बाप। आध्यात्मिक ज्ञान

पापका बाप । एक प्रसिद्ध कहानी है — एक पण्डितजी काशीसे पढ़कर आये । ब्याह हुआ , स्त्री आयी । कई दिन हो गये । एक दिन स्त्रीने प्रश्न पूछा कि ' पण्डितजी महाराज ! यह तो बताओ कि पापका बाप कौन है ?…
Continue reading "पापका बाप। आध्यात्मिक ज्ञान"
Category UncategorizedPosted on

नाममें पाप – नाशकी शक्ति आध्यात्मिक ज्ञान।

नाममें पाप - नाशकी शक्ति  जब ही नाम हृदय धर्यो भयो पाप को नास ।   मानो चिनगी आग की पड़ी पुराने घास ॥  नये घासमें इतनी जल्दी आग नहीं लगती , पुराना घास बहुत जल्दी आगको पकड़ता है । अन…
Continue reading "नाममें पाप – नाशकी शक्ति आध्यात्मिक ज्ञान।"
Category dohePosted on

रूप बिसेष नाम बिनु जानें ।

                            ।। श्रीहरि:।। रूप बिसेष नाम बिनु जानें । करतल गत न परहिं पहिचानें ॥   समिरिअ नाम रूप बिनु देखें । आवत हृदयँ सनेह बिसेषे ।।   गोस्वामीजी महाराज आगे कहते हैं कि कोई भी…
Continue reading "रूप बिसेष नाम बिनु जानें ।"
Category BhaktiPosted on

नाम और रूपकी तुलना। आध्यात्मिक ज्ञान।

नाम और रूपकी तुलना । पिछली दो चौपाइयोंमें नाम और नामीकी महिमा बतायी गयी और दोनोंको ही श्रेष्ठ , अकथनीय और अनादि बताया । दोनोंमें गहरे उतरनेसे ही पता लगता है । अच्छी समझ होनेसे दोनोंमें हमारी …
Continue reading "नाम और रूपकी तुलना। आध्यात्मिक ज्ञान।"
Category UncategorizedPosted on

राम और नामी की महिमा भाग 2

भायँ कुभाय कुभायँ अनख आलसहूँ ।      नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ ।      सादर सुमिरन जे नर करहीं ।     भव बारिधि  गोपद इव तरहीं ।    किसी तरहसे नाम लिया जाय , वह फायदा करेगा ही । पर जो आदरके सहित ना…
Continue reading "राम और नामी की महिमा भाग 2"
Category UncategorizedPosted on

राम और नामीकी महिमा आध्यात्मिक ज्ञान।

राम और नामीकी महिमा ।  समुझत सरिस नाम अरु नामी ।   प्रीति परसपर प्रभु अनुगामी ॥    समझनेमें नाम और नामी — दोनों एक - से हैं ; परंतु दोनोंमें परस्पर स्वामी और सेवकके समान प्रीति है अर्थात…
Continue reading "राम और नामीकी महिमा आध्यात्मिक ज्ञान।"
Category UncategorizedPosted on

वास्तवमें छत्रपति कौन ? आध्यात्मिक ज्ञान।

वास्तवमें छत्रपति कौन ?   एकु छत्रु एकु मुकुटमनि सब बरननि पर जोउ ।   तुलसी रघुबर नाम के बरन बिराजत दोउ ।।   तुलसीदासजी महाराज कहते हैं - श्रीरामजी महाराजके नामके ये दोनों अक्षर बड़ी शोभा…
Continue reading "वास्तवमें छत्रपति कौन ? आध्यात्मिक ज्ञान।"
Category UncategorizedPosted on

भरतका उतराधिकारी मत्स्य पुत्री सत्यवती।

भरत का उतराधिकारी।  बड़ा होने पर भरत महान राजा बना । उसकी तीन पत्नियां थीं । उसकी पत्नियां जब भी उससे पुन पैदा करती तो वह कहता , ' यह मेरे समान नहीं दिखता , ' अथवा ' यह मेरे समान व्यवहार नहीं कर…
Continue reading "भरतका उतराधिकारी मत्स्य पुत्री सत्यवती।"