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मांधांता कौन थे ? आध्यात्मिक

मांधांता कौन थे ? मांधाता इक्ष्वाकु वंशी राजा थे, जो अयोध्या पर राज्य करते थे। ये युवनाश्व और गौरी के पुत्र। यादव नरेश शशबिंदु की कन्या बिंदुमती इनकी पत्नी थीं, जिनसे मुचकुंद, अंबरीष और पुरुकु…
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भीम को हनुमान जी ने क्या आशीर्वाद दिया था?

महाभारत में एक प्रसंग आता है जब भीम और हनुमानजी की मुलाक़ात होती है। आज हम आपको वो ही प्रसंग बता रहे है। साथ ही इस प्रसंग का सम्बन्ध उस मान्यता से भी है जिसके अनुसार महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण, अर्जुन…
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आध्यात्मिक ज्ञान

  आध्यात्मिक ज्ञान  आध्यात्मिक ज्ञान जैसा कुछ भी नहीं है। हाँ अध्यात्म जरूर है और शास्त्रों का ज्ञान जरूर है। अब आप कहेंगे इन दोनों में फर्क क्या है? ज्ञान शास्त्रों में छुपा है। उन शास्त्रों को…
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ऐसी उपनिषद में प्यारी कथा है। अंतिम सत्य

                              श्री गणेशाय नमः         *अंतिम सत्य* ऐसी उपनिषद में प्यारी कथा है। …
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कबीर छुधा है कूकरी तन सों दई लगाय ।

               ~~श्री हरि~~     जोधपुर. श्रीबुधाराम जी महाराज हुए हैं । 'बागर'में उनका रामद्वारा है वे माताजी सहित वहॉ रहते थे । इनंको खेडापा म…
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नर तन दीनों रामजी, सतगुरु दीनो ज्ञान’ ए घोडा़ हाँको अब, ओ आयो मैदान ।

             ~~श्री हरि~~   नर तन दीनों रामजी, सतगुरु दीनो ज्ञान' ए घोडा़ हाँको अब, ओ आयो मैदान । औ आयो मैदान बाग करड़ी कर साबो, हृदय राखो . ध्यान नाम रंसमासे गावो । कुण देख सगराम कहे आगे काढे क…
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चहुँ जुग चहूँ श्रुति नाम प्रभाऊ । कलि तिसेपि नहि आन उपाऊ । । नाम्रामकारि बहुधा निज सर्वशक्ति स्तत्रार्पिता नियमित: स्मरणे न काल: । ।

            ~~श्री हरि~~   चहुँ जुग चहूँ श्रुति नाम प्रभाऊ ।  कलि तिसेपि नहि आन उपाऊ । ।  नाम्रामकारि बहुधा निज सर्वशक्ति  स्तत्रार्पिता नियमित: स्मरणे न काल: । ।  श्रीचैतन्य-महाप्रभुने कहा है…
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श्रीचैतन्य-महाप्रभु और उनके शिष्य की कहानी

        ~~श्री हरि~~     श्रीचैतन्य-महाप्रभुके कई शिष्य हुए हैं । उनमें एक हरिदासजी महाराज भी थे । वे थे तो मुसलमान, पर चैतन्य महाप्रभुके संगसे भगबन्नाममे लग गये ।…
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स्वाद तोष सम सुगति सुधा के । आध्यात्मिक ज्ञान।

         ~~श्री हरि~~ स्वाद तोष सम सुगति सुधा के । कमठ सेष सम धर बसुधा के ।। . जीवका कल्याण हो जाय, इससे ऊँची कोई गति नहीं है । ऐसी जो श्रेष्ठ गति (मुक्ति) …
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