चंद्र का पुत्र।
कोई मनुष्य जब मरता है तो यदि उसने , अपने सत्कर्मों से पुण्य कमाया हुआ है तो आसमान के भी ऊपर बसे देवताओं के स्वर्ग में जगह पा सकता है । मनुष्य इसे स्वर्ग कहते ही इसके निवासी दे…
गुरु भक्त उत्तंक ।
महर्षि आयोद धौम्य के शिष्य महर्षि वेद ने अपने ब्रह्मचर्य आश्रम के जीवन में गुरु - गृह में अनेक कष्ट भोगे थे । उन कष्टों का स्मरण करके अपने यहां अध्ययन के लिए आने वाले किसी बा…
जो साधक सच्चे श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु को पूर्ण परमात्म स्वरुप जानकर हृदय के पवित्र भाव से उनकी सेवा भक्ति करते हैं वे साधक आत्मज्ञान की प्राप्ति कर पाते हैं । सद्गुरु की जो सेवा करते हैं व…
सृष्टि की रचना कैसे हुई?
सृष्टि रचना आज तक एक ऐसी रहस्यमयी पहेली बनी हुई थी जिसे समझ पाना किसी के लिए भी संभव नहीं था। कुछ प्रश्न जैसे - ग्रह और उपग्रह अपनी कक्षा में लगातार कैसे घूमते ह…
अगर भगवान हर जगह है तो मंदिर बनाने की क्या जरूरत है?
पृष्ठभूमि
वायु समस्त स्थान पर है परन्तु गर्मी का अनुभव होने पर पंखे के नीचे या कूलर के सामने क्यों खड़े होते है? और टायर पंचर होने पर उसम…
क्या आप माता लक्ष्मी और भगवन विष्णु की सुंदर कहानी जानते हैं?
सबसे पहले जवाब दिया गया: क्याआप जानते हैं माता लक्ष्मी और भगवन विष्णु की सुंदर कहानी?
एक बार भगवान विष्णु जी शेषनाग पर बेठे बेठे बोर…
क्यों किया था बभ्रुवाहन ने अपने ही पिता अर्जुन का वध?
सबसे पहले जवाब दिया गया: बब्रुवाहन कौन था ? उसका अजुर्न के साथ क्या संबंध था ?
महाभारत आश्वमेधिक पर्व के अनुगीता पर्व के अंतर्गत अध्याय 79 में…
मांधांता कौन थे ?
मांधाता इक्ष्वाकु वंशी राजा थे, जो अयोध्या पर राज्य करते थे। ये युवनाश्व और गौरी के पुत्र। यादव नरेश शशबिंदु की कन्या बिंदुमती इनकी पत्नी थीं, जिनसे मुचकुंद, अंबरीष और पुरुकु…
महाभारत में एक प्रसंग आता है जब भीम और हनुमानजी की मुलाक़ात होती है। आज हम आपको वो ही प्रसंग बता रहे है। साथ ही इस प्रसंग का सम्बन्ध उस मान्यता से भी है जिसके अनुसार महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण, अर्जुन…