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स्वाद तोष सम सुगति सुधा के । आध्यात्मिक ज्ञान।

         ~~श्री हरि~~ स्वाद तोष सम सुगति सुधा के । कमठ सेष सम धर बसुधा के ।। . जीवका कल्याण हो जाय, इससे ऊँची कोई गति नहीं है । ऐसी जो श्रेष्ठ गति (मुक्ति) …
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सुवरण को दूँढ़त फिरत कवि व्यभिचारी चोर ।

           ~~श्री हरि~~     सुवरण को दूँढ़त फिरत कवि व्यभिचारी चोर । चरण धरत धड़कत हियो नेक न भावत शोर । । कवि, व्यभिचारी और चोर…-ये तीनों ही 'सुवर्ण' ढूँढते है, कबि तो सुवर्ण…अच्छे-अच्छे अक्षरो…
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सुमिरन सुलभ सुखद सब काहू। आध्यात्मिक ज्ञान।

          ~~श्री हरि~~     सुमिरन सुलभ सुखद सब काहू। लोक राहु परलोक निबाहू।। कहत सुनत सुमिरत सुठि नीके।राम लखन सम‌ प्रिय तुलसी के ।। ये कहने, सुनने और स्मरण करनेमे बहुत ही अच्छे सुन्दर, और मधुर …
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बरषा रितु रघुपति भगति तुलसी सालि सुदास ।

          ~~श्री हरि~~     बरषा रितु रघुपति भगति तुलसी सालि सुदास । राय नाम बर बरन जुग सावन भादव मास ।। पहले 'राम' नामके अवयवोंका वर्णन हुआ फिर 'महामन्त्र' का वर्णन हुआ । अब दो अक्षरोंका वर्णन ह…
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कृप्या नाम ज़ब श्रवण सुने री मैं आली ।

          ~~श्री हरि~~ कृप्या नाम ज़ब श्रवण सुने री मैं आली । भूलो री भवन हौं तो बावरी भयी री ।। जिन गोपिकाओँके हृदयमे भगवान्का मेम है, वे, उनका नाम सुननेसे ही पागल हो …
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राम नाम की महिमा आध्यात्मिक ज्ञान

~~श्री हरि~~   'राम' नामकी वन्दनाका प्रकरण चल रही है। इसमें 'राम' नामकी महिमाका वर्णन भी आया है। इसकी महिमा सुननेसे 'राम' नाम में रुचि हो सकती है, पर यह माहात्म्य तो 'राम' नाम जपने से मिलता है। न…
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पाप पयोनिधि जन मन मीना’ आध्यात्मिक ज्ञान।

~~श्री हरि~~ पाप पयोनिधि जन मन मीना' -पहले हमारे समझमे यह बात नहीं आयी थी । पापमेँ मनुष्यका इतना मन कैसे लग जाता है ? क्या बात है ? परंतु आजकल देखते हैं तो कई जगह यह बात सुननेमें आती है कि बिना पा…
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ध्रुव सगलानि जपेउ हरि नाऊँ ।

~~श्री हरि~~ संसारका आकर्षण रखनेवाले 'आर्त' और 'अर्थार्थी' भी भगवान्के ही भक्त होते हैं । परंतु धनके लिये भगवान् का नाम लेनेसे या कोई दुख दूर करनेके लिये भगवान् का नाम लेनेसे उसे 'अर्थार्थी' या …
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कलि केवल मल मूल मलीना । आध्यात्मिक ज्ञान।

~~श्री हरि~~ कलि केवल मल मूल मलीना ।  . पाप पयोनिथि जन मन मीना ।। कलियुगमें ऐसा जोरोंसे पाप छा जायगा कि मनुष्योंका मन जलमेँ " मछलीकी तरह पापोमें रम जायगा अर्थात् जैसे मछलीको जलसे दूर कर देनेप…
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अगुन सगुन बीच नाम सुसाखी। ।

                      अगुन सगुन बीच नाम सुसाखी।                        उभय प्रबोधक चतुर द्रुभाषी । । यह 'राम' नाम सगुण और निर्गुण  जनानेवाला है । इसलिये सगुण उपासक भी 'राम' नाम जपते है और निर्गुण …
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