जिन्दगी पंथ है मंजिल की तरफ जाने का।
इन दोनों शब्दों से ऊपर का एक शब्द है वह है आनंद आनंद भीतर से होता है उसका संबंध हमारी इन्द्रिय चेतना से नहीं वह हमारी अन्नस चेतना से स्फूर्त होता है। आनंद श…
प्रत्येक परिस्थिति मे प्रसन्नता का राजमार्ग।
जब मन चंगा तो कठौती में गंगा।
हर व्यक्ति सुख शांति और प्रसन्नता से जीना चाहता है लेकिन उसके जीवन में उतनी दुख, अशांति और उद्विग्नता दिखती है। सुब…
दरअसल जितने भी लोग बुरी अदतों के शिकार होते हैं उनका संकल्प बहुत लचीला होता है और लचीले संकल्प से किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।
हर विजय संकल्प के पग चूमती देखी गई …
कैसे लगेगी सीख तुम्हारी ? सावधान करती घटनाएँ।
कैसे लगेगी सीख तुम्हारी ?
मेरे संपर्क में एक डाक्टर थे , बहुत बड़े डॉक्टर आर्कोलोजिस्ट , कैंसर के ..डॉक्टर वो खुद गुटखा खाते थे मैंने कहा डॉक्टर स…
छूटती नहीं बुराई , मुँह से लगी हुई । जान बुझकर मूढ़ बनत हैं ।
छूटती नहीं बुराई , मुँह से लगी हुई ।
आज बुरी आदतों की चर्चा मुझे आपसे करनी है । अनेक बुरी आदतें हैं , मैं कहां से बात शुरू करूँ ? दे…
एक बुराई जननी अनेक की। संस्कारों का चक्रव्यूह घुसना सरल , निकलना कठिन , ।
एक बुराई जननी अनेक की।
मैं आज आप सबसे यही कहना चाहता हूँ कि मनुष्य की आदतों का उसके चित्त और चेतना पर बड़ा गहरा प्रभा…
संयुक्त परिवार सुरक्षा का आधार । प्रवृत्तियाँ तय करती हैं जीवन की दिशा ।
संयुक्त परिवार सुरक्षा का आधार ।
बंधुओं विगत दिनों से लगातार आप विभिन्न विषयों पर सुन रहे हैं आप इन पर गंभीरता से विच…
घर करती अनुरोध की भाषा। बाण से गहरा वाणी का घाव।
घर करती अनुरोध की भाषा।
कुछ खास सूत्र जो आज मैं आप सबसे कहना चाहता हूँ सार के रूप में जिसे आप यहां से लेकर के जाना चाहते हैं कि अपने घर में…