सुमिरन सुलभ सुखद सब काहू। आध्यात्मिक ज्ञान।
~~श्री हरि~~
सुमिरन सुलभ सुखद सब काहू। लोक राहु परलोक निबाहू।।
कहत सुनत सुमिरत सुठि नीके।राम लखन सम प्रिय तुलसी के ।।
ये कहने, सुनने और स्मरण करनेमे बहुत ही अच्छे सुन्दर, और मधुर …