~~श्री हरि~~
पुनि परिहरे सुखानेउ परमा ।
उमहि नामु तब भयउ अपरमा । ।
जब पार्वतीने सूखे पत्ते खाने भी छोड दिये तब उसका नाम 'अपर्णा' हो गया । किसी तरहसे मेरे नाममे 'र' आ जाय । पार्वतीकी ऐसी प्रीति…
~~श्री हरि~~
तुम्ह पुनि राम राम दिन राती ।
सादर जपहु अनँग आरांती । ।
'आप तो महाराज रात दिन आदरपूर्वक 'राम-राम-राम' जप कर रहे हैं । एक एक नाम लेते-लेते उसमें आपकी श्रद्धा, प्रेम, आदर उत्…
~~ श्री हरि~~
हरषे हेतु हेरि हर ही को।
किय भूषन तिय भूषन ती को।।
राम नाम के प्रति पार्वती जी के हृदय की ऐसी प्रीति देखकर भगवान शंकर हर्षित हो गए और उन्होंने स्त्रियों में भूषण रूप पार्वती जी को …
~~श्री हरि~~
राम सकल नामन्ह ते अधिका ।
होई नाथ की इन बधिका ।।
आपका जो नाम है वह सब नाम से अधिक हो जाए और बधिक के समान पाप रूपी पक्षियों का नास करने वाला हो जाए भगवान के हजारों नाम है उन नामों की …
~~श्री हरि ~~
अरण्यकाण्डमेँ ऐसा वर्णन आया है… श्रीरामजी लक्ष्मणजीके सहित, सीताजीके वियोगमें घूम रहे थे । वे घूमते घूमते पम्पा सरोबर पहुंच गये । तो नारदजीके मनमेँ बात आयी कि मेरे शापको स्वीकार कर…
~~श्री हरि ~~
उल्टा नामु जपत जगु जाना ।
बाल्मीकि भए . ब्रह्म समाना । ।
सहस नाम सम सुनि ' सिव बानी । ने
जपि जेईं पिय संग भवानी । ।
राम‘ नाम सहस्त्रनामके समान है, भगवान शंकर इस वचनक्रो सुनकर प…
श्री हरि:
भगचान् शंकाने 'राम' नामके प्रभावसे काशीमेँ मुक्ति का क्षेत्र खोल दिया और इसी महामन्त्रके जपसे ईंशसे 'महेश' हो गये । अब आगे गोस्वामीजी महाराज कहते हैं…
महिमा जासु जान गनरांऊ ।
प्रथ…
महामन्त्रकी महिमा
महामंत्र जोई जपत महेसू।
काशी मुकुति हेतु उपदेसू ।।
यह 'राम' नाम महामन्त्र है, जिसे 'महेश्वर' -… भगवान् शंकर जपते हैं और उनके द्वारा यह ' राम ' नाम उपदेश काशीमेँ _ मुक्ति का …
अगुन सगुन बीच नाम सुसाखी।
उभय प्रबोधक चतुर द्रुभाषी । ।
यह 'राम' नाम सगुण और निर्गुण जनानेवाला है । इसलिये सगुण उपासक भी 'राम' नाम जपते है और निर्गुण …