अगुन सगुन बीच नाम सुसाखी।
उभय प्रबोधक चतुर द्रुभाषी । ।
यह 'राम' नाम सगुण और निर्गुण जनानेवाला है । इसलिये सगुण उपासक भी 'राम' नाम जपते है और निर्गुण …
विधि हरि हरमय बेद प्रान सो 1। अगुन अनूपम गुन निधान सो 11
यह राम नाम ब्रह्मा, बिष्णु और महेशमय है । विधि , हरि हर-सृष्टिमात्रकी उत्पत्ति, स्थिति और संहार करनेवाली,…
जब लग गज अपनो बल बरत्यो नेक सरयो नहीं काम।
निर्बल हाय बलराम पुकारो आयो आधे नाम।।
जैसे गजराज ने पूरा नाम ही उच्चारण नहीं किया उसने केबल है ना......(था)'आधा नाम लेकर पुकारा उतने में भगवान ने आकर रक्…
भरत तीसरे पहर कहँ किन्ह प्रबेसु प्रयाग।
कहत राम सिय राम सिय उमगि अनुराग ।।
प्रेम में उमंग उमंग कर राम सिया राम सिया कहने लगते हैं उस समय प्रेम की अधिकता के कारण दोनों की एकता का अनुभव होता ह…
श्री सीताराम-वंदना
गिरा अरथ जल बीचि सम कहिअत भिश्र न मिनरल।
बंदउँ सीता राम पद जिन्हहि परम प्रिय खित्रा ।।
गोस्वामी श्री तुलसीदास जी महाराज कथा प्रारम्भ करने से पहले सभी की वंदना करते है । इस दोहे …