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भीष्म पितामह का असंगत ताटस्थ्य ।

भीष्म पितामह का असंगत ताटस्थ्य । देश के निकट के भूतकाल में देखें तो स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब आपातकाल घोषित किया था और इस तरह लोकतंत्र का गला घोंटा था तो जनता की नजर सर्वप्रथम आचार…
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कबीरदास रहीमदास के अनमोल दोहे।

कबीरदास जी के दोहे।    रहीमदास जी के दोहे।    तुलसीदास जी के दोहे। आसै पासै जो फिरै , निपटु पिसावै सोय ।  कीला से लगा रहै , ताको बिघन न होय ॥   - कबीरदास - कबीरदास कहते हैं कि जो जीव इधर - उध…
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पूर्णत्व की अनुभूति आध्यात्मिक ज्ञान।

पूर्णत्व की अनुभूति । समग्र सृष्टि में स्त्री और पुरुष , इन दो अद्भुत तत्त्वों का निर्माण हुआ है । ये दो घटक तत्त्व सहज और परस्पर पूर्णत्व के लिए अनिवार्य तत्त्व होने के बावजूद आज इक्कीसवीं शताब्दी …
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त्याग का स्थान सर्वोपरि आध्यात्मिक ज्ञान।

त्याग का स्थान सर्वोपरि। भीष्म का त्याग , कृष्ण की अनासक्ति , कर्ण का औदार्य , युधिष्ठिर द्वारा अपने शासनकाल में किए गए राजसूय और अश्वमेघ यज्ञ तथा स्वयं अनेक यज्ञ और प्रभूत दान किए जाने पर दुर्योधन …
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।। व्यापक धर्म का अनुसरण।।

     व्यापक धर्म का अनुसरण      सामान्य व्यावहारिक जीवन में कई बार क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए , ऐसा सवाल पैदा होता रहता है । अलग - अलग व्यावहारिक भूमिका हम निभाते हैं और इसमें दो भूमिकाओं…
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अर्थात् कामव्यवस्था का ऊर्धीकरण।

महाभारत के पात्र अर्थात् कामव्यवस्था का ऊर्धीकरण।  महाभारत के अधिकतर पात्रों के जन्म हमारे नैतिक और सामाजिक स्वीकृति के मापदंड के विपरीत स्त्री - पुरुष संबंधों के कारण ही हुए हैं । जिन्हें…
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नकारात्मक तत्त्वों की दारुण पराजय ।

            नकारात्मक तत्त्वों की दारुण पराजय । मनुष्य में त्याग , सेवा , प्रेम , समर्पण जैसे सकारात्मक और अहंकार , ईष्या , द्वेष , वैर आदि नकारात्मक , इस प्रकार दोनों अंतिम एक साथ रहते हैं । जि…
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