नकारात्मक तत्त्वों की दारुण पराजय ।
मनुष्य में त्याग , सेवा , प्रेम , समर्पण जैसे सकारात्मक और अहंकार , ईष्या , द्वेष , वैर आदि नकारात्मक , इस प्रकार दोनों अंतिम एक साथ रहते हैं । जि…
तुलसी पौधे और सुगंध ।
सामान्यतः ऐसा कहा जाता है कि रामायण पारिवारिक जीवन की कथा है और महाभारत पारिवारिक द्वेष की कथा है । पारिवारिक जीवन कैसा होना चाहिए , रामायण इसका आदर्श प्रस्तुत करती है औ…
ब्रह्मास्त्रवाले अश्वत्थामाओं के बीच
खोज संयमी अर्जुनों की ।
दो - दो विश्वयुद्धों के महाविनाश के बाद भी आज के विश्व में एक भी दिन ऐसा नहीं गया , जब कोई न - कोई सशस्त्र संघर्ष जारी …
अर्जुन की आत्महत्या और युधिष्ठिर का वध।
महाभारत में भीष्म की प्रतिज्ञा , कर्ण का औदार्य , युधिष्ठिर की क्षमाभावना , विदुर की ज्ञानचर्चा , ये सभी कथानक व्यावहारिक जीवन से दूर लगते हैं । वास्तवि…
नर , नरोत्तम , नारायण ।
महाभारत में सावित्री मंत्र जैसे जिन दो श्लोकों का हमने उल्लेख किया , उनमें से आरंभ के श्लोक में महाभारत में लेखक ने जिन विषयों की चर्चा की है , उनकी सूची दी है , परंतु इ…
मानव व्यवहार का शाश्वत धर्म ।
महाभारत के विषय में भारतीय भाषाओं में ही नहीं , विदेशी भाषाओं में भी अब तक बहुत कुछ लिखा गया है और अभी भी अविरत लिखा जा रहा है । पाठकों में भी महाभारत के विषय मे…
जब मनुष्य किसी को अपने हृदय में स्थापित कर • लेता है तो उसके द्वारा दी गयी प्रेरणा उसके लिये वज्र लकीर बन जाती है वो उसको अनुशासित करती है , वो उसको प्रेरित करती है
अन्तस् में बैठा लो प्रभ…
ऐसे लोगों की संगति कभी मत करिये जिससे आपको गलत प्रेरणा मिलती हो और आपको नीचे जाने का संयोग मिलता हो आप इससे अपने आप को बचाइये ।
सत्संगादपरो नास्ति ।
साधु की शरण में आने के बाद जीवन में बड़ा पर…
दरअसल जितने भी लोग बुरी अदतों के शिकार होते हैं उनका संकल्प बहुत लचीला होता है और लचीले संकल्प से किसी बड़े लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।
हर विजय संकल्प के पग चूमती देखी गई …