परिवार की खुशहाली का राज । जीवन मूल्यों की शिक्षा मिलती हमें रामायण से।
परिवार की खुशहाली का राज
विश्व परिवार नहीं विश्व बाजार भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की संस्कृति है । हम उस संस…
गुण ग्रहण का भाव रहे नित।वर्तमान " की चाभी “ भविष्य " का ताला ।
गुण का भाव नीत
अच्छी तरह से वर्गीकृत है। प्रोबेशन की गुणवत्ता आपकी दृष्टि पर विशेष। अवैगुनी गुण विशेष रूप से सक्षम होने पर भी दो…
सन्तोषी सदा सुखी। बुराई में भी अच्छाई से सूत्र हैं ।
सन्तोषी सदा सुखी।
दूसरी बात है- जो है जितना है उतने में संतुष्ट रहिये । आज मनुष्य के पास जितना है , उसमें उसे चैन नहीं है । पर्याप्त होने के …
पर की पीड़ा हिमालयी है अपना दुख है कितना बौना ?
दो प्रकार का सुख होता है एक अभिप्राय का सुख , जबकि दूसरा अनुभूति का सुख । अभिप्राय का सुख मनुष्य के स्टेटस पर अवलंबित होता है और अनुभूति का सुख मनुष…
अन्दर स्याह ऊपर सफेदी
दूसरी सोच है व्यावहारिक सोच । व्यावहारिक सोच में जीने वाले लोग बहुत हिसाब किताब से जीते हैं । वे हर चीज को मेण्टेन करके चलते हैं कि हमारे व्यवहार का सामने वाले पर कोई बु…
दुख की बदरिया में सुख का नज़रिया
जमीन में हम जैसे बीज बोते हैं , वैसा ही अंकुर उगता है यदि गुलाब बोया जाता है तो गुलाब ही खिलता है और कैक्टस बोया जाता है तो कैक्टस उगता है ।
यह तुम्हारे ऊपर है कि …
जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि ।
आज लोग अपने जीवन को बदलना चाहते हैं । जीवन में परिवर्तन केवल प्रवृत्ति के परिवर्तन से नहीं होता , जीवन का परिवर्तन व्यक्ति के नज़रिये से होता है । यदि तुम्हारा नज़रिया ठीक ह…
सोच का नज़रिया , नज़रिये का सोच ।
जीवन को देखने का नजरिया
वस्तुतः हमारा संपूर्ण जीवन हमारी सोच पर अवलंबित है , हमारी चिंतनधारा पर टिका है । हम कैसा सोचते हैं , हमारा कैसा चिंतन है , हमारा अपना…
नज़रिया बेहतर जीवन का।
एक काम के तीन नज़रिये
एक स्थान पर मंदिर का निर्माण चल रहा था , सैकड़ों मजदूर निर्माण कार्य में जुटे थे , पत्थर तराश रहे थे । इसी बीच किसी संत का उधर से गुजरना हुआ …