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जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि : हमारी जैसी सोच है ।

जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि । आज लोग अपने जीवन को बदलना चाहते हैं । जीवन में परिवर्तन केवल प्रवृत्ति के परिवर्तन से नहीं होता , जीवन का परिवर्तन व्यक्ति के नज़रिये से होता है । यदि तुम्हारा नज़रिया ठीक ह…
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सोच का नज़रिया , नज़रिये का सोच ।

सोच का नज़रिया , नज़रिये का सोच ।    जीवन को देखने का नजरिया वस्तुतः हमारा संपूर्ण जीवन हमारी सोच पर अवलंबित है , हमारी चिंतनधारा पर टिका है । हम कैसा सोचते हैं , हमारा कैसा चिंतन है , हमारा अपना…
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नज़रिया बेहतर जीवन का आध्यात्मिक ज्ञान।

नज़रिया बेहतर जीवन का।  एक काम के तीन नज़रिये  एक स्थान पर मंदिर का निर्माण चल रहा था , सैकड़ों मजदूर निर्माण कार्य में जुटे थे , पत्थर तराश रहे थे । इसी बीच किसी संत का उधर से गुजरना हुआ …
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वृत्ति से प्रवृत्ति प्रवृत्ति से परिणाम।

वृत्ति से प्रवृत्ति प्रवृत्ति से परिणाम।  शास्त्रकारों ने लिखा है कि बंधाय विषयासक्तम् मुक्तये निर्विषयं मनः एवं मनुष्यानां कारणं बंध मोक्षये विषयासक्त मन बंधन का कारण है और विषयातीत मन…
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ज्ञान समान न आन , जगत में सुख को कारण ।

ज्ञान समान न आन , जगत में सुख को कारण । दूसरी बात , अच्छा साहित्य पढ़ें आज लोगों के पठन - पाठन की प्रवृत्तियां थोड़ी सी कम हो गयीं । अब सारा समय टीवी के माध्यम से बीतता है और टीवी में जो कार्यक…
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सत् संगति , सत् साहित्य , सत्चिन्तन ।

सत् संगति , सत् साहित्य , सत्चिन्तन  विचार संक्रामक होते हैं इसलिये अपने विचारों को स्थिर रखने के लिये यदि आप अच्छे विचारों को चाहते हैं , अपनी मनोवृत्ति को ठीक रखना चाहते हैं , क्योंकि मनोवृत…
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भौतिक सोच यानी पदार्थवादी चिंतन।

भौतिक सोच यानी पदार्थवादी चिंतन।    ये मन के गिरते चढ़ते आयाम हैं । मन गिरे तो एक दम गिरता है और मन चढ़े तो एक दम चढ़ता है । कब गिर जाये कब चढ़ जाये इसका कोई भरोसा नहीं । ये है मन की दशा । इसलिए…
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मन की दिशा हमारे हाथों में।

मन की दिशा हमारे हाथों में।  सन्त कहते हैं कि हमारी मनोवृत्ति के यही दो पक्ष हैं । जैसे माह में दो लक्ष्य जीवन का | पक्ष होते हैं शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष । शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की कलायें दि…
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जैसे नाम वैसी मनोवृत्ति।आध्यात्मिक ज्ञान

जैसे नाम वैसी मनोवृत्ति।  इस धरती पर वे लोग जिन्हें महापुरुष के पूजते हैं । चाहे श्री राम हुये , कृष्ण हुये , महावीर हुये । हम उन्हें सन्त , महात्मा के रूप में पूजते हैं और वे भी लोग जिन्हें …
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धर्म जोड़ता मन वीणा के टूटे तारों को।

धर्म जोड़ता मन वीणा के टूटे तारों को।  दीपावली का समय नजदीक था , एक व्यक्ति अपने घर की सफाई में लगा हुआ था । अचनाक उसकी दृष्टि एक ऐसी वस्तु पर पड़ी , जिसके विषय में वह कुछ खास नहीं जानता था । …
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